Guna Sandhi: हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में हम आपको गुण संधि किसे कहते है के बारे में विस्तार से बताएंगे | स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओ में इससे बाहर कोई भी प्रश्न नहीं पुछा जायेगा तो इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़े |
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संधि का मतलब होता है ‘मेल’। जब दो वर्णों के परस्पर मेल से जो तीसरा विकार उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं। संधि ध्वनियों का मेल होता है। जब दो शब्दों का मेल किया जाता है तो पहले शब्द के आखिरी अक्षर दूसरे शब्द के पहले अक्षर के बीच में परिवर्तन होता है।
गुण संधि किसे कहते हैं?
जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
गुण संधि के कुछ उदाहरण
महा + ईश : महेश (आ + ई = ए)
- ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं कि जब शब्दों की संधि होती है तब आ एवं ई मिलकर ए बना देते हैं।
- यह परिवर्तन होने से पूरे शब्द में संधि होने के बाद परिवर्तन हो जाता है। इन स्वरों से परिवर्तन होता है। अतः यह उदाहरण गुण संधि के अंतर्गत आयेगा।
नर + ईश : नरेश (अ + ई = ए)
- जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं अ एवं ई मिलकर संधि होते समय ए बना देते हैं। इस परिवर्तन की वजह से ही पूरे शब्द में संधि होते समय परिवर्तन आ जाता है। अतः यह उदाहरण गुण संधि के अंतर्गत आएगा।
नर + इंद्र : नरेन्द्र (अ + इ = ए)
- ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आपने देखा अ एवं इ मिलकर संधि होते समय ए बना देते हैं। जब यह परिवर्तन स्वरों के बीच होता है तो संधि होते समय शब्द में भी परिवर्तन आ जाता है।
- अ, अ जैसा कि हमें पता है कि जब अ, ई आदि से संधि में कुछ परिवर्तन परिवर्तन आता है तो वहाँ पर गुण संधि होती है। अतः यह उदाहरण गुण संधि के अंतर्गत आएगा।
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- जगन्नाथ का संधि विच्छेद – Jagannath Ka Sandhi Viched
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हमे आशा है कि Guna Sandhi टॉपिक आपको अच्छे से समझ आ गया होगा | अगर इस टॉपिक से रिलेटेड आपको कोई भी सवाल को तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूँछ सकते हो | हमारे अद्यापक आपके प्रश्न का उत्तर देंगे |